
वर्गीकरण
रोज़े के मसाईल
क़ज़ा के रोज़े में मूल रोज़े की तरह रात ही के समय से नीयत करना आवश्यक है।
वह रमज़ान में नाक की बूंदों के बिना नहीं रह सकती
वह सोचता है कि उसने रोज़ा रखा लेकिन वह नीयत का नवीकरण करना भूल गया
उसकी बहन को डाउन सिंड्रोम है तो क्या रोज़ा न रखने के कारण उसके लिए कफ़्फ़ारा अनिवार्य हैॽ
क्या अज़ान सुनने से पहले रोज़ा इफ्तार करना जायज़ हैॽ
उसने शहर के लोगों का अनुकरण करते हुए 31 दिनों का रोज़ा रखा, फिर उसी दिन के दौरान उसने यात्रा किया और यात्रा की वजह से उसने रोज़ा तोड़ दिया, क्या उसके लिए क़ज़ा करना अनिवार्य हैॽ
रोज़े के स्तंभ
अगर डॉक्टर मरीज़ों का इलाज़ करने के कारण थक जाऐ, तो क्या वह अपना रोज़ा तोड़ सकता है?
उसने रमज़ान के दौरान ऐसे देश का सफर किय जो महीने की शुरूआत में उसके देश से विभिन्न है।
रमज़ान के दिन में शैतान को गाली देने का हुक्म