उसे सच्ची या झूठी कसम खाने की आदत है, तो वह इन कसमों का प्रायश्चित कैसे करे?
यह है कि जो क़सम आपने भविष्य में किसी चीज़ के करने या न करने पर खाई है, और उसे तोड़ दिया है, तो उसमें आप पर कफ्फारा अनिवार्य है। और जो क़सम आपने अतीत में किसी चीज़ पर खाई है कि आपने उसे किया था या नहीं किया था और आप उसमें झूठे हैं, तो उसपर कोई कफ्फारा नहीं है, और आपको अल्लाह के सामने तौबा करना चाहिए और अल्लाह तआला तौबा करने वाले की तौबा को स्वीकार करता है और क्षमा कर देता है। अल्लाह आपको सामर्थ्य प्रदान करे और आपके पापों को क्षमा करे।
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