मनगढ़ंत त्योहारों जैसे कि ईसाईयों का क्रिसमस, तथा नीरोज़ और महरजान का त्योहार मनाना जाइज़ नहीं है, इसी प्रकार वह त्योहार भी है जिसे मुसलमानों ने स्वयं गढ़ लिया है जैसे कि रबीउल अव्वल में मीलादुन्नबी का जश्न, रजब के महीने में इस्रा व मेराज का जश्न और इसके समान अन्य, तथा उस भोजन से खाना जाइज़ नहीं है जिसे ईसाईयों या मुशरिकों ने अपने त्योहारों के अवसर पर तैयार किया है, तथा उन त्योहारों का जश्न मनाने के समय उनकी दावत को स्वीकार करना जाइज़ नहीं है, क्योंकि उनके निमंत्रण को स्वीकार करना उन्हें प्रोत्साहित करना और उन बिद्अतों (नवाचारों) पर उनको मान्यत देना है,और यह अज्ञानी व अनजाने लोगों के इससे धोखे में पड़ने और यह अक़ीदा रखने का कारण बन सकता है कि इसमें कोई आपत्ति की बात नही है।
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6,03120/सफर/1435 , 23/दिसंबर/2013
ईसाईयों के त्योहारों के लिए तैयार किए गए भोजन को खाना
प्रश्न: 7876
उस भोजन को खाने का क्या हुक्म है जो ईसाईयों के त्योहार की वजह से तैयार किया जाता है ॽ तथा मसीह अलैहिस्सलाम का जन्म दिन मनाने के अवसर पर उनके निमंत्रण को क़बूल करने का क्या हुक्म है ॽ
उत्तर का पाठ
हर प्रकार की प्रशंसा एवं गुणगान केवल अल्लाह के लिए योग्य है, तथा दुरूद व सलाम की वर्षा हो अल्लाह के रसूल पर। इसके बाद :
स्रोत:
किताब अल्लूलू अल-मकीन मिन फतावा इब्ने जिब्रीन पृष्ठ : 27