0 / 0
18,48416/04/2013

गरीब को देकर सूद की राशि से छुटकारा प्राप्त करना

प्रश्न: 2370

क्या यह जायज़ है कि हम बैंकों के सूद की राशि ज़रूरतमंद व्यक्ति को दे दें ?

उत्तर का पाठ

अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।

हरप्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह के लिए योग्य है।

यदिकोई ऐसा व्यक्ति था जो सूद का लेन देन करता था, फिर उसने तौबा कर लिया, और वह सूद के द्वारा प्राप्तधन से छुटकारा हासिल करना चाहता है, तो उस धन से छुटकारा पानेके लिए उसे गरीब व्यक्ति को देना जायज़ है, इसी तरह अगर बैंक उसकेखाते में सूद की राशि डाल दे (तो उस स्थिति में भी यही हुक्म होगा)। लेकिन इसे सदक़ा(दान, खैरात) नहीं समझा जायेगा, क्योंकिअल्लाह तआला पवित्र है और पवित्र चीज़ को ही क़बूल करता है। जहाँ तक सूद पर आधारित लेनदेन को निरंतर जारी रखने की बात है तो यह जायज़ नहीं है और वह घोर पापों में से एक महापाप है, और उसका लेनेवाला अल्लाह और उसके पैगंबर का विरोधी है,यहाँ तक कि यदि वह गरीबों को देने के लिए सूदी कारोबार करता है।

स्रोत

शैख मुहम्मद सालेह अल-मुनज्जिद

at email

डाक सेवा की सदस्यता लें

साइट की नवीन समाचार और आवधिक अपडेट प्राप्त करने के लिए मेलिंग सूची में शामिल हों

phone

इस्लाम प्रश्न और उत्तर एप्लिकेशन

सामग्री का तेज एवं इंटरनेट के बिना ब्राउज़ करने की क्षमता

download iosdownload android