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अल्लाह तआला के कथन ‘‘महीनों का आगे पीछा करना, नास्तिकता के अंदर वृद्धि है’’ का अर्थ

प्रश्न: 165970

सूरतुत तौबा की आयत संख्या 37 में जिस ’’नसी’’ – महीनों को आगे पीछे करने- को हराम ठहराया गया है उसका क्या मतलब है? तथा इसके हराम किए जाने से पहले अरब द्वीप में जो हुर्मत वाले महीनों को विलंब करने की प्रथा थी वह किस प्रकार की थी?

उत्तर का पाठ

अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।

उत्तर :

हर प्रकारकी प्रशंसा औरगुणगान केवलअल्लाह के लिएयोग्य है।

अल्लाहतआला नेफरमाया :

إنماالنَّسِيءُ زِيَادَةٌ فِي الْكُفْرِ يُضَلُّ بِهِ الَّذِينَ كَفَرُوا يُحِلُّونَهُعَاماً وَيُحَرِّمُونَهُ عَاماً لِيُوَاطِئُوا عِدَّةَ مَا حَرَّمَ اللَّهُفَيُحِلُّوا مَا حَرَّمَ اللَّهُ زُيِّنَ لَهُمْ سُوءُ أَعْمَالِهِمْ وَاللَّهُ لايَهْدِي الْقَوْمَ الْكَافِرِينَ [التوبة : 37].

‘‘महीनों काआगे पीछा करनाभी कुफ्र कीवृद्धि है, इसकेद्वारा वे लोगपथ भ्रष्ट किएजाते हैं जोनास्त्किहैं। एक सालतो उसे हलालठहरा लेते हैं, और एक सालउसी को हुर्मत(सम्मान) वालाकर लेते हैं, ताकिअल्लाह ने जोमहीने हरामठहराए हैं, उसकीगिंती पूरी करलें। फिर उसेहलाल ठहरा लेंजिसे अल्लाहने हराम कियाहै। उनके लिएउनके बुरेकार्य संवारकर पेश किए गएहैं,औरअल्लाह तआलाकाफिरों कामार्गदर्शननहीं करता।” (सूरतुततौबा : 36).

इस आयतमें ‘‘विलंब’’ से क्याअभिप्राय है, इसके बारेमेंविद्वानों नेकई कथनों परमतभेद किया है, उनमेंसबसेप्रसिद्ध येहैं :

प्रथम : वेलोग कुछहुर्मत (सम्मान)वाले महीनोंको उनके अलावादूसरे महीनोंसे बदल दियाकरते थे। औरउनके बदले मेंइन महीनों कोहराम ठहरातेथे। तथा ज़रूरतपड़ने पर जिसहराम महीने कोहलाल ठहरानाचाहते थे उसेहलाल ठहरालेते थे।परंतु वे चाँदके महीनों कीसंख्या मेंकोई वृद्धिनहीं करते थे।चुनाँचे वेमुहर्रम केमहीने को हलालकर लेते थे, और उसमेंलड़ाई को हलालठहरा लेते थे ; क्योंकिलगातार तीनहुर्मत वालेमहीनों (ज़ुल-क़ादा, ज़ुल-हिज्जा, औरमुहर्रम) कीवजह से उनकेऊपर निषेद्धकी अवधि लंबीहो जाती थी।फिर वे उसकीजगह पर सफर के महीनेको हराम ठहरातेथे। गोया वेउसे उधार लेतेथे फिर उसेपूरा करते थे।

यह सबसेसही,सबसेप्रसिद्ध औरआयत के अर्थके सबसे अधिकअनुकूल है।जैसा कि सलफ(पूर्वजों) केएक समूह ने इसेस्पष्ट रूप सेवर्णन कियाहै। और इसी कोइब्ने कसीर औरउनके अलावाअन्य मुहक़्क़ेक़ीन(अन्वेषकों) नेचयन किया है।क्योंकि यहअल्लाह तआलाके कथनः

يُحِلُّونَهُعَامًا وَيُحَرِّمُونَهُ عَامًا

”वे एक सालतो उसे हलालठहरा लेते हैं, और एक सालउसी को हुर्मत(सम्मान) वालाकर लेते हैं।”

और अल्लाहके कथन

لِيُوَاطِئُوا عِدَّةَ مَا حَرَّمَ الله

”ताकि अल्लाहने जो महीनेहराम ठहराएहैं,उसकीगिंती पूरी करलें।”

के अनुकूलहै।

इसी रूपके द्वारा शैखइब्ने उसैमीनरहिमहुल्लाहने भी आयत केअंदर ‘नसी’ (विलंब) कीव्याख्या कीहै।

दूसराअर्थ : वे लोग एकसाल सफर केसाथ मुहर्रमको हलाल ठहरातेथे और उन्हेंसफरैन (दो सफर)का नाम देतेथे। फिर अगलेसाल उन दोनोंको हरामठहराते थे औरउन्हेंमुहर्रमैन (दोमुहर्रम) कानाम देते थे।यह ”नसी” केबारे में एकविचित्र रूपहै। जैसाकिहाफिज़ इब्नेकसीर का कहनाहै।

तीसराअर्थ : वेमुहर्रम केमहीने को हलालठहराते थे, और ज़रूरतपड़ने पर सफरको भी हलालठहराए रहते थेऔर उसकी जगहरबीउल-अव्वलको कर देतेथे। इमाम अहमदने इस कथन काखण्डन कियाहै।

रही बातउस ‘नसी’ (विलंब) कीजो अरब द्वीपमें पाई जातीथी और इस्लामने उसका समयपाया और उसेहराम ठहराया, तो इब्नेकसीररहिमहुल्लाहउसके बारे मेंफरमाते हैं :इमाम मुहम्मदबिन इसहाक़ नेइस पर अपनीपुस्तक ‘‘अस्सीरह’’ में अच्छीऔर लाभप्रदबात की है, चुनाँचेवह कहते हैं :सबसे पहलेजिसने अरबोंपर महीनों कोआगे पीछे किया, चुनाँचेअल्लाह केहराम किए हुएमहीनों में सेकुछ को हलालाठहरा लिया, और अल्लाहसर्वशक्तिमानके हलाल किएहुए महीनोंमें से कुछ कोहराम ठहरादिया वह ‘‘क़लम्मस’’ था, और वह: हुज़ैफाबिन अब्दमुदरिकाफुक़ैम बिन अदीबिन आमिर बिनसअलबा बिनअल-हारिस बिनमालिक बिनकिनाना बिनख़ुज़ैमा बिनमुदरिका बिनइलयास बिनमुज़र बिन नज़ारबिन मअद बिनअदनान है। फिरउसके बाद उसकेबेटे अब्बाद, फिरअब्बाद के बादउसके बेटे क़लअबिन अब्बाद, फिर उसकेबेटे उमैयाबिन क़लअ, फिर उसकेबेटे औफ़ बिनउमैया, फिर उसकेबेटे अबूसुमामाजुनादा बिन औफ़ने इस काम कोजारी रखा। औरयह उनमें सबसेअंतिम व्यक्तिथा और जबइस्लाम काआगमन हुआ तोइसी का ज़मानाथा। चुनांचेहज्ज से फारिगहोने के बादअरब के लोगउसके पासएकत्रित होतेथे और वहउन्हें भाषणदेता,औररजब,ज़ुल-क़ादा, औरज़ुल-हिज्जा केमहीनों कोहराम क़रारदेता,और एकसाल मुहर्रमको हलाल ठहरादेता,औरउसकी जगह परसफर को हरामघोषित कर देता, तथा एकसाल उसे हरामही रहने देता, ताकिअल्लाह ने जोमहीने हरामकिए हैं उनकीगिंती पूरी करले। तो इस तरहवह अल्लाह केहराम किए हुएमहीने को हलालठहरा लेता, और अल्लाहके हलाल किएहुए महीनों कोहराम ठहरादेता।

उनका कविउमैर बिन क़ैसजो जज़लअत्तअआन सेप्रसिद्ध था, इस परगर्व करते हुएकहता था :

.मअदके सभी क़बीलोंको पता है किमेरी जाति लोगोंमें सबसेप्रतिष्ठितहै क्योंकि वेअच्छे आचरणवाले हैं।

क्या हमही मअद परहलाल महीनोंको आगे पीछेकर उन्हेंहराम घोषितकरने वालेनहीं हैं!

कौन है जोहमारेप्रतिशोध सेबच निकला हैऔर कौन है जिसेहम ने लगामनहीं लगाया!

देखिए : ‘‘अल-अज़बुन नमीरमिन मजालिस अश्शंक़ीतीफित्तफ्सीर’’ (5/439),‘‘तफ्सीरइब्ने कसीर’’ (4/144),”तफसीरतबरी” (14/235).

स्रोत

साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर

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