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उसने अपने बालों को धोए बिना ही स्नान करके नमाज़ पढ़ ली

प्रश्न: 9755

कभी कभी मैं स्वनपद्वोष या मासिक धर्म से सनान करती हूँ, तो अपने बाल नहीं धोती हूं क्योंकि उसकी चोटी बंधी होती है। तो इसका क्या हुक्म है ? हमें इससे अवगत कराएं। अल्लाह आप को अच्छा बदला प्रदान करे।

उत्तर का पाठ

अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।

यह एक बड़ी गलती है और ऐसा करना जायज़ नहीं है। इस आधार पर नमाज़ सही नहीं है। बल्कि ज़रूरी है कि आप अपने संपूर्ण शरीर को धोएं जिसमें बाल भी शामिल है। जैसाकि उम्मे सलमह रज़ियल्लाहु अन्हा की हदीस में है कि उन्हों ने कहा : ऐ अल्लाह के पैगंबर! मैं ऐसी औरत हूँ जो अपने सिर के बाल को कसकर बांधती हूँ। क्या जनाबत के स्नान के लिए मैं उसे खोल लिया करूँ ? आप ने फरमाया : ‘‘नहीं, तुम्हारे लिए इतना काफी है कि तुम अपने सिर पर तीन लप पानी डाल लिया करो।’’ इसे मुस्लिम ने हदीस संख्या (330) के तहत रिवायत किया है। यदि आपके बालों की चोटी बंधी हुई है तो आप उसे धोएं और उसकी जड़ों तक पानी पहुँचाएं, साथ ही जो बाल लटक रहे हैं उनको भी धोएं। और ऐसा करना ज़रूरी है। आपकी नमाज़ सही नहीं है क्यांकि आप ने जनाबत से स्नान नहीं किया है। इसलिए कि जनाबत के स्नान में बालों समेत संपूर्ण शरीर पर पानी पहुँचाना शर्त है। यही तरीक़ा मासिक धर्म या प्रसव के स्नान में भी है।

अतः आपके लिए अनिवार्य है कि अपनी उन नमाज़ों की क़ज़ा करें जिन्हें आप ने इस हालत में पढ़ी है कि आप ने जनाबत की समाप्ति या मासिक धर्म से पाक होने पर अपने बालों को नहीं धोया था। और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।

स्रोत

फतावा शैख अब्दुल्लाह बिन हुमैद पृष्ठ : 53

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