0 / 0

रबीउल अव्वल के महीने की बधाई देने के बारे में एक निराधार हदीस

प्रश्न: 215135

कुछ लोग रबीउल अव्वल का महीना प्रवेश करते ही एक हदीस का प्रसार करने लगते हैं : ‘‘जो व्यक्ति लोगों को इस प्रतिष्ठित महीने का आशीर्वाद देगा, उसके ऊपर नरक हराम (निषिद्ध) कर दी जायेगी।'', इस हदीस की प्रामाणिकता क्या है?

उत्तर का पाठ

अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।

इस उपर्युक्त हदीस का हम कोई आधार नहीं जानते हैं, उसके ऊपर मनगढ़त होने के संकेत और लक्षण प्रत्यक्ष हैं। अतः इसे नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की ओर मंसूब (संबंधित) करना जायज़ नहीं है ; क्योंकि यह आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के ऊपर झूठ लगाने में शामिल है, और आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के ऊपर झूठ गढ़ना बड़े गुनाहों (घोर पाप) में से है। अल्लाह के पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का फरमान है : ''जिसने मेरी ओर से कोई हदीस बयान की जिसके बारे में यह समझता है कि वह झूठ है तो वह (स्वयं) झूठों में से एक झूठा है।'' इसे मुस्लिम ने सहीह मुस्लिम के मुक़द्दमा (1/7) में रिवायत किया है।

इमाम नववी रहिमहुल्लाह कहते हैं : ‘‘इस हदीस में झूठ बोलने और उसके पीछे पड़ने की कड़ी निंदा है, और यह कि जिसे इस बात का गुमान अधिक हो कि वह जो (हदीस) वर्णन कर रहा है वह झूठ है, फिर भी उसने उसे वर्णन किया तो वह झूठा है।और वह कैसे झूठा नहीं होगा, जबकि वह ऐसी चीज़ की सूचना दे रहा है जो हुई ही नहीं है?’’

''शर्ह सहीह मुस्लिम'' (1/65) से समाप्त हुआ।

इस हदीस के अंदर जो इस बात का उल्लेख किया गया है कि मात्र इस बधाई से उसके ऊपर जहन्नम की आग हराम हो जायेगी : तो यह अटकलों और अतिश्योक्तियों में से है जिनसे हदीस के मनगढ़त और असत्य होने का पता चलाया जाता है। इब्नुल क़ैयिम रहिमहुल्लाह फरमाते हैं : ‘‘मनगढ़त हदीसों पर अंधकार, कमज़ोरी और अटकलें होती हैं, जो उनके मनगढ़त होने और अल्लाह के पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर स्वरचित और गढ़े हुए होने का गुहार लगाती हैं।''

''अल-मनार अल-मुनीफ'' (पृष्ठ 50) से समाप्त हुआ।

स्रोत

साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर

at email

डाक सेवा की सदस्यता लें

साइट की नवीन समाचार और आवधिक अपडेट प्राप्त करने के लिए मेलिंग सूची में शामिल हों

phone

इस्लाम प्रश्न और उत्तर एप्लिकेशन

सामग्री का तेज एवं इंटरनेट के बिना ब्राउज़ करने की क्षमता

download iosdownload android