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रोज़ा के सही होने के लिए सेहरी खाना शर्त नहीं है

प्रश्न: 20135

रमज़ान के अतिरिक्त, यदि मैं सोमवार और जुमेरात को बिना सेहरी खाए रोज़ा रखना चाहूँ (तो क्या रख सकता हूँ) क्योंकि मैं फ़ज्र के लिए उठने और सेहरी करने में सक्षम नहीं हूँ। तो क्या बिना सेहरी खाए रोज़ा रखना जायज़ हैॽ

उत्तर का पाठ

हर प्रकार की प्रशंसा एवं गुणगान केवल अल्लाह के लिए योग्य है, तथा दुरूद व सलाम की वर्षा हो अल्लाह के रसूल पर। इसके बाद :

शैख़ इब्ने बाज़ रहिमहुल्लाह ने फ़रमाया : “.. रोज़ा के सही (मान्य) होने के लिए सेहरी खाना शर्त नहीं है, बल्कि यह मुस्तहब (वांछनीय) है। क्योंकि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया है : “सेहरी खाओ, क्योंकि सेहरी खाने में बरकत है।” (सहीह बुख़ारी व सहीह मुस्लिम).

संदर्भ

स्रोत

फतावा अश-शैख इब्ने बाज़ (4/259).