नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से प्रमाणित सहीह हदीसों से पता चलता है कि जब भी कोई विश्वस्त व्यक्ति शाबान की तीसवीं रात में या रमज़ान की तीसवीं रात में सूरज डूबने के बाद चाँद देख ले तो चाँद के देखे जाने का एतिबार होगा, और उसके द्वारा महीने के आरंभ को जाना जायेगा। इस बात की कोई आवश्यकता नहीं है कि सूरज डूबने के बाद चाँद के ठहरे रहने की अवधि का एतिबार किया जाए, चाहे वह बीस मिनट हो या उससे कम या उससे अधिक हो। क्योंकि सहीह हदीसों में कोई ऐसी दलील नहीं है जिससे सूरज डूबने के बाद चाँद के गायब होने के लिए कुछ निश्चित मिनटों के निर्धारण का पता चलता हो। और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखने वाला है।
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5,79206/रमज़ान/1434 , 14/जुलाई/2013
क्या पैदा होने वाले नये चाँद के आसमान में बने रहने के लिए किसी निश्चित अवधि की शर्त है ?
प्रश्न: 1456
प्रत्येक चाँद महीने के आरंभ को सिद्ध करने का तरीक़ा क्या है, और क्या पैदा होने वाले चाँद के क्षितिज में बाक़ी रहने के लिए किसी निश्चित अवधि की शर्त है ?
उत्तर का पाठ
हर प्रकार की प्रशंसा एवं गुणगान केवल अल्लाह के लिए योग्य है, तथा दुरूद व सलाम की वर्षा हो अल्लाह के रसूल पर। इसके बाद :
स्रोत:
फतावा स्थायी समिति 10/91