मासिक धर्म से शुद्धता दो निशानियों में से किसी एक के द्वारा जानी जाती है :
पहली निशानी : श्वेत द्रव का निकलना, जो कि एक सफेद पानी होता है जिसे महिलाएँ जानती हैं।
दूसरी निशानी : योनि का पूरी तरह से सूख जाना, इस प्रकार कि अगर उस स्थान पर रूई आदि रखी जाए, तो वह साफ़-सुथरी निकले, उसपर खून या पीलेपन का निशान (धब्बा) ना हो।
अंधी महिला की उसकी माँ या बहन मदद कर सकती है। चुनाँचे वह रुई या चीर (चीथड़े) को देख सकती है। यदि वह सफेद निर्वहन (डिस्चार्ज) देखती है, या देखती है कि वह साफ है, तो वह उसे बता सकती है कि वह पाक हो गई है (यानी उसका मासिक धर्म समाप्त हो गया है)।
इमाम मलिक ने अल-मुवत्ता (हदीस संख्या : 130) में उम्मे अलक़मह से रिवायत किया है कि उन्होंने कहा : महिलाएँ विश्वासियों की माँ आयशा रज़ियल्लाहु अन्हा के पास डिबिया भेजती थीं जिसमें रुई होती थी, उसमें मासिक धर्म के खून का पीलापन होता था। वे उनसे (उस स्थिति में) नमाज़ के बारे में पूछती थीं। तो वह उनसे कहती थीं : जल्दी मत करो यहाँ तक कि तुम सफेद द्रव देख लो। इससे उनका मतलब मासिक धर्म से पवित्रता होता था।
जब ऐसा देखने वाली महिलाएँ करती हैं, तो नेत्रहीन महिला ऐसा करने के अधिक योग्य है।
और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।