"इस महिला पर जिसकी यह स्थिति है कोई हरज (गुनाह) नहीं है कि वह हज्ज को अगले साल तक विलंब करदे।सर्व प्रथम: इसलिए कि बहुत से विद्वानों का कहना है कि: हज्ज तुरंत (तत्कालीन) ही अनिवार्य नहीं है,और मनुष्य के लिए उस पर सक्षम होने के उपरांत भी उसे विलंब करना जाइज़ है। दूसरी बात: यह महिला अपने बच्चों के देखरेख के लिए घर पर ही ठहरी रहने की ज़रूरतमंद है,और अपने बच्चों की देखरेख करना महान भलाईयों में से है।पैबंर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया: "महिला अपने पति के घर में निरीक्षक (निगरानी करने वाली) है और उससे उसके अधीनस्थ के बारे में पूछताछ किया जायेगा।"इसलिए मैं कहता हूँ: हव अगले साल तक प्रतीक्षा करे,तथा हम अल्लाह तआला से प्रार्थना करते हैं कि उसके लिए उसके मामले को आसान करदे,और उसके लिए उस चीज़ को मुक़द्दर करदे जिसमें भलाई हो।"
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5,14511/ज़िल्हिज्जा/1431 , 17/नवंबर/2010
एक महिला के पास एक दूधपीता बच्चा है तो क्या उसपर हज्ज अनिवार्य है?
प्रश्न: 41806
यदि महिला के पास छोट बच्चे हैं, जिनमें एक नवजात शिशु (दूधपीता बच्चा) है जिसको उसके लिए अपने साथ हज्ज में ले जाना कठिन है, तो क्या इस स्थिति में उस पर हज्ज करना अनिवार्य है या वह उसे विलंब करसकती है ?
उत्तर का पाठ
हर प्रकार की प्रशंसा एवं गुणगान केवल अल्लाह के लिए योग्य है, तथा दुरूद व सलाम की वर्षा हो अल्लाह के रसूल पर। इसके बाद :
स्रोत:
फतावा इब्ने उसैमीन (21/66)