0 / 0
4,62229/रबीउस सानी/1445 , 13/नवंबर/2023

एक महिला किसी क़ब्रिस्तान के पास से गुज़री तो क्या वह सलाम करेगी ?

प्रश्न: 31908

हम इस बात को जानते है कि औरत के लिए क़ब्रिस्तान की ज़ियारत करना वर्जित है, किंतु हम उस औरत के बारे में क्या कहेंगे जो क़ब्रिस्तान की चहारदीवारी से गुज़री, जबकि वह अपने रास्ते में थी, और उसने क़ब्रों को देखा तो क्या वह वर्णित ज़िक्र (दुआ) को पढ़ेगी या उस से बाज़ रहेगी या वह क्या करेगी ?

उत्तर का पाठ

हर प्रकार की प्रशंसा एवं गुणगान केवल अल्लाह के लिए योग्य है, तथा दुरूद व सलाम की वर्षा हो अल्लाह के रसूल पर। इसके बाद :

उसके लिए वर्णित दुआ (अस्सलामो अलैकुम अह्लद्दियारे मिनल-मोमिनीन वल-मुस्लिमीन, व-इन्ना इन्-शा-अल्लाहो बिकुम लाहिक़ून, नस्अलुल्लाहा लना व-लकुमुल आफियह) पढ़ने में कोई आपत्ति नहीं है, और उसके ऊपर कोई गुनाह नहीं है, क्योंकि उसने क़ब्रों की ज़ियारत का इरादा नहीं किया था और न ही वह क़ब्रिस्तान के अंदर गई, बल्कि वह बिना इरादे के उसके पास से गुज़री है।

स्रोत

“निम्न परिस्थितियों में आप क्या करें” नामी पुस्तक के पृष्ठ 18 से।

at email

डाक सेवा की सदस्यता लें

साइट की नवीन समाचार और आवधिक अपडेट प्राप्त करने के लिए मेलिंग सूची में शामिल हों

phone

इस्लाम प्रश्न और उत्तर एप्लिकेशन

सामग्री का तेज एवं इंटरनेट के बिना ब्राउज़ करने की क्षमता

download iosdownload android