मैं ने कंकरी मारने के अंतिम दिन (तेरहवीं ज़ुल-हिज्जा) में सूरज डूबने से पहले प्रथम जमरा को कंकरी मारी, फिर सूरज डूब गया, तो क्या मैं कंकरी मारने की प्रक्रिया पूरी करूँ, उस आदमी पर क़ियास करते हुए जिसने सूरज डूबने से पहले नमाज़ की एक रकअत पा ली?
उत्तर :
हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह के लिए योग्य है।
जिस व्यक्ति ने तश्रीक के अंतिम दिन में सूरज डूबने से पहले कंकरी मारने की प्रक्रिया पूरी नहीं की, तो उससे उस दिन कंकरी मारने का कर्तव्य (वाजिब) छूट गया, और उसके ऊपर इस वाजिब को छोड़ने के लिए मक्का में एक जानवर ज़बह करना (दम) अनिवार्य है।
मैं ने इस प्रश्न को अपने शैख अब्दुर्रहमान अल-बर्राक हफिज़हुल्लाह पर पेश किया तो उन्हों ने फरमाया:
‘‘तेरहवीं तारीख को सूरज डूबने से कंकरी मारने का समय समाप्त हो जाता है, और जिसने सूरज डूबने से पहले सभी जमरात को कंकरी नहीं मारी तो उससे कंकरी मारने का कार्य छूट गया, और इसे नमाज़ पर क़ियास नहीं किया जायेगा।’’