प्रश्न : मैं पेट की एक बीमारी से पीड़ित हूँ जिसकी वजह से जब मेरे मुंह में कुछ तरल होती है तो भोजन वापस पलट आता है। और यह रमज़ान में हुआ है, तो क्या मेरे लिए क़ज़ा अनिवार्य हैॽ
पेट से पलट कर आनेवाले भोजन का रोज़े पर प्रभाव
प्रश्न: 129752
अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।
उत्तर :
हर प्रकार की प्रशंसा औऱ गुणगान केवल अल्लाह के लिए योग्य है।
“अगर कोई चीज़ पेट से निकलकर मुंह तक आ जाए तो रोज़ेदार पर वाजिब है कि उसे थूक दे। यदि उसने जानबूझकर उसे निगल लिया तो उसका रोज़ा बातिल (व्यर्थ व अमान्य) हो जाएगा। और यदि उसने उसे अनजाने में निगल लिया है तो उस पर कुछ भी अनिवार्य नहीं है।
और अल्लाह तआला ही तौफ़ीक़ प्रदान करनेवाला है, तथा अल्लाह हमारे पैगंबर मुहम्मद, उनके परिवार और साथियों पर दया और शांति अवतरित करे।” अंत हुआ।
इफ्ता और वैज्ञानिक अनुसंधान की स्थायी समिति
शैख अब्दुल अज़ीज़ बिन अब्दुल्लाह बिन बाज़। शैख अब्दुल अज़ीज़ आलुश-शैख। शैख अब्दुल्लाह बिन ग़ुदय्यान। शैख सालेह अल-फौज़ान। शैख बक्र अबू ज़ैद।
स्रोत:
"फतावा स्थायी समिति - दूसरा संग्रह" (9/211)