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ड्राइवर मीक़ात को पार कर गया और उसकी तरफ वापस लौटने से इनकार कर दिया

प्रश्न: 111880

हम बस के द्वारा उम्रा के लिए गए, बस चालक को मीक़ात का ध्यान सौ किलो मीटर आगे निकल़ जाने के बाद आया, तो उसने उसकी तरफ वापस लौटने से इनकार कर दिया और यात्रा को जारी रखा यहाँ तक कि जद्दा पहुँच गया। तो ऐसी स्थिति में हमारे ऊपर क्या अनिवार्य है ॽ

उत्तर का पाठ

हर प्रकार की प्रशंसा एवं गुणगान केवल अल्लाह के लिए योग्य है, तथा दुरूद व सलाम की वर्षा हो अल्लाह के रसूल पर। इसके बाद :

हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह के लिए योग्य है।

“चालक के ऊपर अनिवार्य है कि वह मीका़त के पास रूक जाए ताकि लोग वहाँ से एहराम बांधें, यदि वह भूल गया और उसे सौ किलो मीटर गुज़रने के बाद याद आया जैसा कि प्रश्न करने वाले का कहना है तो उसके ऊपर अनिवार्य यह है कि वह लोगों को लेकर वापस लौट आए ताकि वे मीक़ात से एहराम बाँध सकें ; क्योंकि वह जानता है कि ये लोग उम्रा या हज्ज का इरादा रखते हैं। यदि उसने ऐसा नहीं किया और उन्हों ने अपने स्थान से एहराम बाँधा, अर्थात् मीक़ात को पार करने के सौ किलो मीटर के बाद, तो प्रत्येक व्यक्ति के ऊपर एक फिद्या अनिवार्य है, जिसे वह मक्का में क़ुर्बान करेगा और गरीबों में बांट देगा ; क्योंकि उन्हों ने उस इबादत के एक वाजिब को छोड़ दिया चाहे वह हज्ज में हो या उम्रा में।

और इस स्थिति में यदि वे इस चालक को न्यायालय (अदालत) में लेकर जायें तो अदालत उसके ऊपर उन्हों ने जो कुछ फिद्या दिया है उसका भुगतान करने का फैसला करेगी, क्योंकि वही उनके जुर्माना देने का कारण बना है, और यह मामला न्यायाधीश के विचार और फैसले पर निर्भर करता है क्योंकि उसके लिए संभव है कि चालक को उस फिद्या के मूल्य का भुगतान करना अनिवार्य कर दे जिसे इन लोगों ने दिया है ; क्योंकि उसने भूलकर उनके हक़ में कोताही से काम लिया है, फिर उसने उन्हें एहराम के लिए लौटने के हक़ से वंचित करके उनके ऊपर अति किया है।” अंत हुआ।

आदरणीय शैख मुहम्म बिन उसैमीन रहिमहुल्लाह।

स्रोत

साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर

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